Sunday 26 February 2012

जज़्ब

अपनी पलकों में
जज़्ब हो जाने दो
 मेरे अश्कों को
मेरे दर्द की पेशानी से ;

शर्त बस ये है
 कि तुम्हे भी गुजरना होगा
मेरे आह की ज़मीन से मेरे हमनफज !!


                  अर्चना राज !!

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